सिणधरी के पास 26 बीघा जमीन पर स्कूल, हॉस्टल और स्टाफ क्वार्टर, बनावट खास होने से आकर्षण का केंद्र

जर्मन पैटर्न से बना पशुपालकों के बच्चों का आवासीय स्कूल

जैतेश्वर धाम : बर्फीले पहाड़ी इलाकों की तरह छत की डिजाइन, इस पर नहीं टिकता पानी, 280 बच्चे पढ़ रहे

बालोतरा। सिणधरी के पास राइका समाज के बच्चों के लिए राजकीय आवासीय विद्यालय जेतेश्वर धाम अपनी खूबसूरती को लेकर खास है। वजह ये है कि इसकी बनावट आम बिल्डिंग से हट कर हैं, इसे जर्मन पैटर्न पर बनाया गया है। बफीलें पहाड़ी इलाकों की तर्ज पर बिल्डिंग की छत ढलान वाली है, जिस पर पानी रुकता नहीं है। 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सिणधरी के पास 26 बीघा जमीन पर पशुपालकों के साथ घुमंतु राइका समाज के बच्चों के लिए आवासीय स्कूल की घोषणा की। 2017 में शिलान्यास किया गया। 2021 में आवासीय स्कूल का निर्माण कार्य शुरू हुआ 23 करोड़ की लागत आई है। यहां राइका समाज के 280 बच्चे आवासीय रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। क्लास 6 से 12 तक है। प्रत्येक क्लास में 40 बच्चों का एडमिशन है। इसके लिए भी 50 फीसदी सीटें बालोतरा जिले के लिए आरक्षित है, वही 50 फीसदी सीटें पूरे प्रदेश के लिए है।

हर क्लास में स्मार्ट बोर्ड, ओपन जिम व वाई-फाई सुविधा

जेतेश्वर धाम पूरा बाई-फाई लैस है। यहां बच्चों के लिए ओपन जिम है। खेल के लिए बास्केट बॉल, हॉकी, खो-खो, ऐथेलेक्टिस सहित कई खेलकूद प्रतियोगिताएं हो रही है। 11 बच्चों का स्टेट लेवल पर चयन हुआ है। शत प्रतिशत रिजल्ट और 25 बच्चों को सरकार की ओर से पीसी टेबलेट दिया गया है। यहां आवासीय रहकर पढ़ने वाले बच्चों के लिए निशुल्क है। इसके अलावा खेत मैदान भी है। स्टाफ के लिए क्वार्टर भी है। व्याख्याता भंवरलाल का कहना है कि जेतेश्वर धाम का पूरा परिसर वाई-फाई लैस है। हर क्लास में स्मार्ट बोर्ड है। बच्चे डिजिटल बोर्ड से पढ़ाई कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *